छत पर खडा मैं प्रतिक्षारत
देख गहा हूँ झुरमुटों के पार

सूर्य आएगा और 
भगाएगा
कालिमा रात की
लालिमा प्रात की

शून्य में फैलेगा प्रकाश
खगरव-ध्वनि-गून्जित होगा आकाश
कोकिला गाएगी, काग करेगा काँव
कुतिया सुगबुगाएगी, बिल्ली करेगी म्याँव

देख रहा हूँ, झुरमुटों के पार 
 छत पे खड़ा मैं प्रतिक्षारत ।।

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